धर्म शास्त्रों के अनुसार वृक्षों का महत्व

पीपल के पेड़ को धर्मशास्त्रों में सबसे ज्यादा महत्व दिया गया है। इस एक पेड़ को मुक्ति के लाखों, करोड़ों उपायों के समकक्ष निरूपित किया है। गीता में भी श्रीकृष्ण ने पीपल को श्रेष्ठ कहा है। भविष्य पुराण में ऐसे कई पेड़ों का उल्लेख है जो पापनाशक माने गए हैं। वृक्षायुर्वेद में पेड़ों के औषधीय महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी है।  वनस्पति जगत में पीपल ही एकमात्र ऐसा वृक्ष है जिसमें कीड़े नहीं लगते हैं। यह वृक्ष सर्वाधिक ऑक्सीजन छोड़ता है जिसे आज विज्ञान ने स्वीकार किया है। भगवान बुद्ध को जिस वृक्ष के नीचे तपस्या करने के बाद ज्ञान प्राप्त हुआ था, वह पीपल का पेड़ ही है और श्रीमद् भागवत गीता के दसवें अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण ने स्पष्ट कहा है कि वृक्षों में श्रेष्ठ पीपल है. भविष्य पुराण में ही बताया गया है कि शीशम, अर्जुन, जयंती, करवीर, बेल तथा पलाश के वृक्षों को लगाने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है और रोपणकर्ता के तीन जन्मों के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. सौ वृक्षों का रोपण करना ब्रह्मारूप और हजार वृक्षों का रोपण करने वाला विष्णुरूप बन जाता है। अशोक वृक्ष के बारे में लिखा है कि इसके लगाने से शोक नहीं होताअशोक वृक्ष को घर में लगाने से अन्य अशुभ वृक्षों का दोष समाप्त हो जाता है। बिल्व वृक्ष को श्रीवृक्ष भी कहते हैं। यह वृक्ष अति शुभ माना गया है। इसमें साक्षात लक्ष्मी का वास होता है तथा दीर्घ आयुष्य प्रदान करता है। इसी प्रकार वटवृक्ष के बारे में भी विस्तार से शास्त्रों में बताया गया है। वृक्षायुर्वेद में बताया गया है कि जो व्यक्ति दो वटवृक्षों का विधिवत रोपण करता है वह मृत्योपरांत शिवलोक को प्राप्त होता है। 


सूर्योदय परिवार द्वारा 11000 पौधों का रोपण किया जाएगा



सदगुरु डॉ. श्री भय्यूजी महाराज प्रणित श्री सदगुरु दत्त धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट इंदौर द्वारा 'सूर्योदय वसुस्वर्ग वृक्षारोपण' योजना अंतर्गत डीएवीवी मातेश्वरी सुगनी देवी कन्या महाविद्यालय इंदौर में वृक्षारोपण किया गया। कार्यक्रम के अंतर्गत महाविद्यालय परिसर में 200 पौधों का रोपण किया गया, जिसमें महाविद्यालय प्राचार्य डॉ.प्राची दिक्षित, शिक्षकों के अलावा बड़ी संख्या में छात्रछात्राओं ने अपनी सहभागिता निभाते हुए वृक्षारोपण किया । सूर्योदय परिवार के प्रतिनिधियों ने इस अवसर पर छात्रों को ग्लोबल वार्मिंग के दुष्परिणामों और वृक्षारोपण के महत्व से अवगत करते हुए उन्हें संरक्षण की दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित किया। संस्था के ट्रस्टी श्री तुषार पाटील ने कहा कि इस वर्ष वर्षा ऋतू दौरान सूर्योदय परिवार द्वारा इंदौर शहर के पर्यावरण को संरक्षित करने एवं शहर की आवोहवा को प्रदुषण मुक्त करने एवं स्वास्थ्यवर्धन बनाने में शहर के विभिन्न स्कूलों, अस्पतालों, मंदिर, जेल परिसर, फुटपाथों पर 11 हज़ार पौधों का रोपण किया जाएगा'सूर्योदय वसुसवर्ग वृक्षारोपण' योजना के अंतर्गत संस्था द्वारा अब तक 22 लाख 50 हजार से अधिक पौधों का रोपण व संवर्धन मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों में किया गया है। सूर्योदय परिवार द्वारा इंदापुर तहसील के हिंगनगांव में 'सूर्यमंदिर' परिसर स्थित औदुम्बर वन' में इस वर्ष 10,000 औदुम्बर के पौधे लगाए गए। श्री भय्यूजी महाराज के अनुसार 'सूर्योदय वसुसवर्ग वृक्षारोपण' योजना का उद्देश्य वनों की अंधाधुंध कटाई को रोकना और वृक्षों का संवर्धन करना, पर्यावरण हेतु जनजागृति लाना एवं लोगों को शुद्ध एवं स्वच्छ पर्यावरण के लिए प्रेरित करना है, ताकि देश की वर्तमान एवं आनेवाली पीढ़ी शुद्ध वातावरण में स्वांस ले सके। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए श्री भय्यूजी महाराज ने भक्तों एवं शिष्यों को गुरु पूर्णिमा जैसे त्योहारों पर परंपरागत पादय पूजा के स्थान पर वृक्ष पूजा की प्रेरणा दी है। 



 


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